दिल दहला देने वाला एक वीडियो सामने आया है जिसमें भीड़ में गिरी महिलाओं को कुचलते हुए लोग नजर आ रहे हैं। कई लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए नदी में कूदने का फैसला किया।
मोनी अमावस्या के स्नान से ठीक पहले, प्रयागराज महाकुंभ में मंगलवार रात एक भयानक भगदड़ हुई, जिसमें कई लोग जख्मी हो गए। इस घटना में 30 लोगों की जान चली गई, और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए।
प्रयागराज महाकुंभ में भयानक भगदड़: भीड़ के नीचे कुचली गईं महिलाएं

चारों ओर अफरा-तफरी मच गई, कुछ महिलाएं जमीन पर गिर पड़ीं, लेकिन भीड़ ने उन्हें कुचल दिया। जब स्थिति थोड़ी शांत हुई, तो कई लोग ज़ख्मी मिले और कुछ की लाशें बरामद हुईं। हताश परिवार के सदस्यों को जब लाशें दी गईं, तो चारों तरफ भयानक चीखें गूंजने लगीं। परिवार वाले रो-रोकर बेहाल हो गए, और माहौल बेहद खराब हो गया। यह सब देखकर वहां के प्रशासन ने तुरंत कदम उठाए और सुरक्षा को बढ़ाने का काम शुरू किया।
मौनी स्नान से पहले दर्दनाक हादसा: 30 की मौत, 50 से ज्यादा घायल, मची चीख-पुकार! मौनी अमावस्या
चारों ओर अफरा-तफरी मच गई, कुछ महिलाएं जमीन पर गिर पड़ीं, लेकिन भीड़ ने उन्हें कुचल दिया। जब स्थिति थोड़ी शांत हुई, तो कई लोग ज़ख्मी मिले और कुछ की लाशें बरामद हुईं। हताश परिवार के सदस्यों को जब लाशें दी गईं, तो चारों तरफ भयानक चीखें गूंजने लगीं। परिवार वाले रो-रोकर बेहाल हो गए, और माहौल बेहद खराब हो गया। यह सब देखकर वहां के प्रशासन ने तुरंत कदम उठाए और सुरक्षा को बढ़ाने का काम शुरू किया।
महाकुंभ क्या है
महाकुंभ एक महत्वपूर्ण हिंदू धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में एक बार होता है। यह भारत के चार प्रमुख स्थानों पर मनाया जाता है: 1. प्रयागराज, जहां यमुना, गंगा और सरस्वती का संगम होता है। 2. हरिद्वार, जो पवित्र गंगा नदी के किनारे स्थित है और हर 12 साल में एक बार इस महोत्सव का आयोजन होता है। 3. उज्जैन, जहां शिप्रा नदी के किनारे भी हर 12 साल में महाकुंभ का आयोजन किया जाता है।
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4. गोदावरी नदी के तट पर 12 साल में एक बार होता है
महाकुंभ का महापर्व क्यों है
महाकुंभ की जड़ें भारतीय परंपरा की कहानियों में गहराई से बसी हुई हैं। जब देवी-देवताओं ने असुरों के साथ मिलकर समुद्र मंथन किया, तब अमृत का कलश चार बूंदें इन स्थानों पर गिरा। इसलिए, इन स्थानों पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और आपके पापों का नाश होता है।
भारत का सबसे बड़ा आध्यात्मिक मेला कुंभ मेला है। यह दुनिया का सबसे विशाल धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। 2019 में प्रयागराज में हुए कुंभ में लगभग 24 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इस मेले में संतों और अखंडों के साथ-साथ नागा साधु, अघोरी और संन्यासी भी शामिल हुए।
महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जहां हर साल लाखों लोग, साधु, और महासंत एकत्र होते हैं। यहां लोग पवित्र स्नान करते हैं, जो भारत की समृद्ध संस्कृति और एकता का प्रतीक है। हिंदू परंपराओं का पालन करते हुए, सभी लोग शांति और श्रद्धा के साथ इस आयोजन में भाग लेते हैं।
अगर आप चाहें तो आप भी इस बार महाकुंभ में जा सकते हैं। ये मौका बार-बार नहीं आता, अगला महाकुंभ तो 144 साल बाद होगा। आप खुद तो शायद न रहें, आपकी अगली दो पीढ़ियाँ भी नहीं होंगी, इसलिए सबको मिलकर इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। ये मौका हर बार नहीं मिलता!
अगली बार महाकुंभ 169 साल बाद होगा, और तब आप शायद यहाँ नहीं होंगे। इसलिए, अपने परिवार के साथ स्नान करने के लिए जरूर जाएं, प्रभु के दर्शन करें और फिर अपने घर लौटें।






